कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयी साकी और शराब << ये ना पूछ मैं शराबी क्यों... कलम की नोक पे कहानी रखी ह... >> कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयीआओ कहीं शराब पिएँ रात हो गयी। Share on: